मुंबई: दिग्गज (Giants) दिवंगत फिल्म प्रोड्यूसर (Film Producer), निर्देशक (Director) और पटकथा लेखक दादासाहेब फाल्के (Dadasaheb Phalke) के नाम से लोकप्रिय धुंडीराज गोविंद फाल्के का जन्म आज ही के दिन 30 अप्रैल, 1870 को त्र्यंबक, बॉम्बे प्रेसीडेंसी में एक मराठी भाषी चितपावन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता, गोविंद सदाशिव फाल्के उर्फ दाजीशास्त्री, एक संस्कृत विद्वान थे और उनकी मां द्वारकाबाई एक गृहिणी थीं। दादासाहेब फाल्के ने अपनी स्कूली शिक्षा त्र्यंबकेश्वर में पूरी की और मुंबई से उन्होंने मैट्रिक की डिग्री हासिल किया था।
दादा साहेब फाल्के ने बड़ौदा में मूर्तिकला, चित्रकला, पेंटिंग और फोटॉग्राफी की शिक्षा ली थी। दादासाहेब फाल्के फिल्म इंडस्ट्री के जनक भी कहे जाते हैं। उन्होंने 1913 में रिलीज फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म को बनाने में उन्हें 15 हजार रुपये खर्च करने पड़े थे। जो उस समय एक बड़ी रकम होती थी। इस फिल्म में दादासाहेब ने अपनी अहम भूमिका भी निभाई थी। इसके साथ ही उन्होंने अपनी इस फिल्म में निर्देशन, कैमरा मैन, लाइटमैन, राइटर और स्क्रिप्टराइटर का काम भी खुद ही किया था। इस फिल्म के लिए कॉस्ट्यूम उनकी पत्नी ने तैयार किया था।
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फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ मुंबई के कोरनेशन सिनेमाघर में रिलीज हुई थी। दादासाहेब फाल्के 19 साल के अपने करियर में 95 फीचर फिल्में और 27 लघु फिल्में बनाए थे। दादासाहेब फाल्के को सिनेमा में उनके योगदान के लिए, 1969 में भारत सरकार द्वारा उनके सम्मान में सिनेमा में दिया जाने वाला ‘दादासाहेब फाल्के’ पुरस्कार नामित किया गया। ‘दादासाहेब फाल्के’ पुरस्कार से सम्मानित की जाने वाली देविका रानी पहली एक्ट्रेस थीं। दादासाहेब फाल्के के सम्मान में इंडिया पोस्ट ने उनकी समानता वाला एक डाक टिकट जारी किया था। 1885 में दादासाहेब फाल्के ने बड़ौदा में मराठे परिवार की एक लड़की से शादी की थी। अपनी पहली पत्नी के निधन के बाद 1902 में उन्होंने सरस्वतीबाई से दूसरी शादी की थी। 16 फरवरी 1944 को दादासाहेब फाल्के का निधन हो गया था।