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Thursday, March 23, 2023

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Which Indigenous Fighter Jets And Helicopters Will India Depend On For Future War Tells Air Force Chief VR Chaudhari To ABP News ANN


Indian Air Force News: वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने गुजरात के गांधीनगर में डिफेंस एक्सपो (Defense Expo) के मुआयने के दौरान भारत की स्वदेशी हथियारों पर निर्भरता और युद्ध क्षमता को लेकर एबीपी न्यूज से विशेष बातचीत की. भविष्य में युद्ध होने की स्थिति में वायुसेना (IAF) को किन स्वदेशी लड़ाकू विमानों (Indigenous Fighter Jets) की जरूरत होगी, इस बारे में उन्होंने बताया.

एयर चीफ मार्शल ने कहा कि स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस और एलसीएच-प्रचंड हेलीकॉप्टर के बाद वायुसेना आने वाले समय में तेजस मार्क-2 और स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट एमका यानी एडवांस मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट का इंतजार कर रही है. इसके अलावा डीआरडीओ की ओर से तैयार किए जाने वाले टोही विमान अवैक्स यानी अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम पर भी निगाहें टिकी हुई हैं. 

वायुसेना प्रमुख ने दी ये जानकारी

वायुसेना प्रमुख के मुताबिक, डिफेंस एक्सपो में जिन स्वदेशी मिसाइलों का प्रदर्शन किया गया है, वे सभी स्वदेशी हैं. इनमें हवा से हवा में और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं. एयर चीफ मार्शल ने बताया कि जिन 114 मीडियम रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (एमएफआरए) प्रोजेक्ट के लिए वायुसेना ने सरकार से अनुरोध किया है वो या तो बाई ग्लोबल-मेक इन इंडिया होगा या फिर पूरी तरह मेक इन इंडिया होगा।

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गुजरात में नए डीसा एयर बेस पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमारे जितने भी बॉर्डर एरिया के एयर बेस हैं, उन सबकी आपस में दूरी करीब 200 किलोमीटर की है लेकिन यहां दो एयर फील्ड के बीच में 350 किलोमीटर की दूरी थी. ऐसे में यह गैप भरना जरूरी था. यह इसलिए भी जरूरी था क्योंकि इससे वायुसेना के एसैट्स यानी फाइटर एयर क्राफ्ट और हेलीकॉप्टर अलग-अलग बेस पर तैनात हो सकेंगे.

सेनाओं की कम्युनिकेशन और सर्विलांस की जरूरत होगी पूरी

बुधवार (19 अक्टूबर) को डिफेंस एक्सपो में प्रधानमंत्री की ओर से लॉन्च किए गए ‘डेफ स्पेस मिशन’ के बारे में एयर फोर्स चीफ ने बताया कि हमारी सेनाओं की जो कम्युनिकेशन और सर्विलांस की जरूरत है, वो इससे पूरी हो जाएंगी और स्पेस के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन जाएंगे

451 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार के डिफेंस एक्सपो में 1.53 लाख करोड़ रुपये के करार वाले 451 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए. 2020 में लखनऊ में आयोजित डिफेंस एक्सपो में 201 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए थे. डिफेंस एक्पो के इतिहास में पहली बार इतने ज्यादा एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं. रक्षा सचिव अजय कुमार ने मीडिया को बताया कि डिफेंस एक्सपो के 12वें संस्करण में व्यापारिक सौदों के पिछले सभी रिकार्ड टूट गए हैं.

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