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Sunday, May 28, 2023

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War Is Not First But Last Choice Of India Know How To Finish Terrorism Says PM Modi In Kargil On Diwali


PM Modi In Kargil: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को कहा कि भारत (India) ने हमेशा युद्ध (War) को अंतिम विकल्प के रूप में देखा है, लेकिन सशस्त्र बलों के पास देश पर बुरी नजर रखने वाले किसी भी व्यक्ति को मुंहतोड़ जवाब देने की ताकत और रणनीति है. मोदी ने दिवाली (Diwali) पर यहां सशस्त्र बलों को संबोधित करते हुए 1999 में करगिल संघर्ष (Kargil War) के बाद इस सीमावर्ती क्षेत्र की अपनी यात्रा को भी याद किया, जब भारतीय सेना ने ‘‘आतंक के फन को कुचला था.’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘पाकिस्तान के साथ ऐसा कोई युद्ध नहीं हुआ है जब भारत ने विजय पताका नहीं फहराया है.’’ उन्होंने कहा कि दिवाली ‘‘आतंक के अंत के उत्सव’’ का प्रतीक है. मोदी ने देश की सीमा पर दिवाली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखते हुए कहा, ‘‘मैंने करगिल युद्ध को करीब से देखा है. यह मेरा कर्तव्य था जो मुझे उस समय करगिल ले आया था. उस समय की कई यादें हैं जब जीत की आवाज चारों ओर गूंज रही थी.’’

पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें

  • करगिल में हमारे सशस्त्र बलों ने आतंक का फन कुचल दिया था और लोगों को अब भी उस समय मनाई गई दिवाली याद है.
  • पिछले आठ सालों में, सरकार ने नई प्रौद्योगिकियों को अपनाकर सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास और बलों में महिलाओं को शामिल कर सशस्त्र बलों में सुधारों को लागू करने पर काम किया है.
  • सशस्त्र बलों में महिलाओं के शामिल होने से हमारी ताकत बढ़ेगी.
  • सशस्त्र बलों में दशकों से सुधार की जरूरत थी, जिन्हें अब लागू किया जा रहा है.
  • एक राष्ट्र तभी सुरक्षित होता है जब उसकी सीमाएं सुरक्षित हों, अर्थव्यवस्था मजबूत हो और समाज आत्मविश्वास से भरा हो.
  • भारत अपने बाहरी और आंतरिक दोनों तरह के दुश्मनों से पूरी ताकत के साथ निपट रहा है. उन्होंने देश के भीतर से ‘आतंकवाद, नक्सलवाद और चरमपंथ’ को ‘उखाड़ने’ के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताया.
  • भारत ने कभी भी युद्ध को पहले विकल्प के रूप में नहीं देखा. हमने हमेशा युद्ध को अंतिम विकल्प के रूप में देखा है.
  • हम वैश्विक शांति के पक्ष में हैं लेकिन सामर्थ्य के बिना शांति हासिल नहीं की जा सकती.
  • हमारे सशस्त्र बलों के पास रणनीति के साथ-साथ ताकत भी है. अगर कोई हम पर बुरी नजर डालने की हिम्मत करता है, तो हमारे तीनों सशस्त्र बल अच्छी तरह से जानते हैं कि मुंहतोड़ जवाब कैसे दिया जाता है.
  • राष्ट्र की सुरक्षा के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ बहुत महत्वपूर्ण है और विदेशी हथियारों तथा प्रणालियों पर हमारी निर्भरता कम से कम होनी चाहिए.

साल 2014 से सैनिकों के साथ मना रहे दिवाली

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मोदी साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से दिवाली मनाने के लिए विभिन्न सैन्य केंद्रों का दौरा करते रहे हैं. साल 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने सियाचिन ग्लेशियर में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी. इसके अगले साल पाकिस्तान से साल 1965 के युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर उन्होंने दिवाली के दिन पंजाब में तीन स्मारकों का दौरा किया था जहां पर भारतीय सेना ने लड़ाई लड़ी थी और जो देश की जीत में अहम साबित हुई थी.

साल 2016 में प्रधानमंत्री दिवाली के अवसर पर हिमाचल प्रदेश में चीन सीमा के नजदीक सुमदो में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस(आईटीबीपी) जवानों, डोगरा स्काउट और सेना के जवानों से मिलने गए थे. मोदी ने साल 2017 में दिवाली के दिन उत्तरी कश्मीर के गुरेज सेक्टर का दौरा किया था और साल 2018 में उत्तराखंड के हर्षिल में दिवाली मनाने के बाद उन्होंने केदानाथ के दर्शन किए थे.

लोकसभा चुनाव में दोबारा जीत हासिल करने के बाद फिर से प्रधानमंत्री बने मोदी ने 2019 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी में दिवाली मनाई थी. साल 2020 में वह लोंगेवाला सीमा चौकी पर प्रकाश उत्सव मनाने गए थे जबकि पिछले साल उन्होंने नौशेरा में जवानों के साथ दिवाली मनाई थी.

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