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Friday, March 17, 2023

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Rule In Different States To Burst Crackers On Diwali Abpp


दीपावली का मतलब है मिठाई और पटाखों का पर्व. हालांकि,थोड़ी सी लापरवाही पटाखों की रंग बिरंगी रोशनी व धमाके का मजा किरकिरा कर सकती है. हर साल इसी लापरवाही की वजह से लाखों लोग जख्मी होते हैं. इसके अलावा पटाखों के कारण वातावरण में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है. ऐसे में त्योहर और सर्दियों के मौसम में वायु की गुणवत्ता खराब न हो इसलिए पटाखों को लेकर अलग-अलग राज्यों में कई तरह की पाबंदियां लगा दी गईं हैं.

पटाखें जलाने पर लगे बैन को हटाने को लेकर दायर याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जश्न और त्योहार मनाने के कईं तरीके हैं. आप अपना पैसा पटाखों की जगह मिठाई पर खर्च करें.

भारत में दिवाली एक महत्वपूर्ण त्योहार है. सालों से इस मौके पर लोग पटाखे जलाते आ रहे हैं. लेकिन बढ़ते प्रदूषण और खराब हो रहे वायु की गुणवत्ता को देखते हुए कुछ राज्यों ने इस साल दिवाली के मौके पर पटाखे फोड़ने पर पाबंदी लगा दी है.हालांकि कुछ राज्यों में कोई पाबंदी नहीं है. जबकि कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां पटाखें फोड़ तो सकते हैं, लेकिन सिर्फ ग्रीन पटाखें.आइये जानते हैं दिवाली में पटाखों को लेकर किस राज्य में क्या नियम लागू किये गए हैं.

दिल्ली 

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राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार सतर्क है. दिल्ली सरकार ने राजधानी में पटाखें जलाने और खरीदने को लेकर नए नियम की जानकारी दी है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में पटाखें खरीदने और जलाने पर 200 रुपये जुर्माना और 6 महीने की कैद हो सकती है.

इसके साथ ही यहां पटाखों का निर्माण, भंडारण और बिक्री करने वालों को तीन साल कैद और 5,000 रुपये तक जुर्माने देना पड़ सकता है. दिवाली पर दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने के लिए कुल 408 दलों का गठन किया गया है.

पंजाब 

पंजाब सरकार ने अपने राज्य में प्रदुषण के स्तर को बढ़ने से बचाने के लिए दिवाली और गुरुपर्व पर पटाखों के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है. पंजाब सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया कि दिवाली और गुरुपर्व पर सिर्फ ग्रीन पटाखों को ही लाने की अनुमति होगी. 

पंजाब में दिवाली और गुरुपर्व के मौके पर रात 8 बजे से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकेंगे. सरकार की ओर से कहा गया कि मंडी गोबिंदगढ़ और जालंधर में पटाखे जलाने पर बैन है. इससे पहले चंड़ीगढ़ और हरियाणा में भी पटाखे जलाने पर पाबंदी लगाई गई है.

हरियाणा 

हरियाणा में इस बार की दिवाली बिना पटाखे की मनाई जाएगी. दरअसल हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य में पटाखे बनाने, बेचने और फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह बैन अगले आदेश तक जारी रहेगा. हालांकि राज्य में ग्रीन पटाखें जलाये जा सकते हैं.

बोर्ड ने राज्य में पटाखे के प्रतिबंध को लेकर सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखा है और आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है. बोर्ड ने कहा कि अक्टूबर महीने से जनवरी के बीच राज्य में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. जिसके कारण बच्चों, बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ होती है. यही कारण है कि इस त्योहार पटाखों पर बैन लगाया गया है.

पश्चिम बंगाल

पच्छिम बंगाल में भी ग्रीन पटाखों को छोड़कर अन्य पटाखों को जलाने या बिक्री और भंजारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यहां जारी किए गए नियम के अनुसार इस राज्य में काली पूजा और दिवाली के दिन रात आठ बजे से 10 बजे तक पठाखे जलाने कीा अनुमति होगी. छठपूजा के दिन सुबह 6 बजे से आठ बजे तक पटाखे जला सकेंगे.

तमिलनाडु

तामिलनाडु में खराब हो रहे हवा की गुणवत्ता को देखते हुए दिवाली के दिन केवल दो घंटे तक पटाखें फोड़ने की अनुमति दी गई है. इस राज्य में पिछले चार साल से पटाखे फोड़ने के लिए दो घंटे का समय तय किया गया है. 

नियम के अनुसार यहां सुबह 6 से 7 बजे और रात में 7 से 8 बजे तक पटाखों का इस्तेमाल किया जा सकता है. पुडुचेरी में पटाखे फोड़ने के लिए यही समय तय किया गया है.

पटाखा इंडस्ट्री को लगा धक्का

इस साल दिवाली के मौके पर पटाखों पर लगे पाबंदियों के कारण पटाखा कारोबार पर काफी असर भी पड़ा है. पटाखों का हब माना जाने वाला तमिलनाडु के शिवाकाशी में हर साल 6 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होता था. पर पहले कोरोना और फिर पाबंदियों की वजह से इंडस्ट्री को धक्का लगा है.

क्या पटाखों से वाकई प्रदूषण बढ़ता है?

पिछले कुछ सालों में हमने हर साल दिवाली आने के साथ ही प्रतिबंध लगाने की बात सुनी होगी. कुछ राज्यों में तो यह पर्व खत्म होने के एक महीने बाद तक ये नियम लागू रहते हैं. खासकर राजधानी दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में ऐसा करने का कारण है खराब होती हवा को और खराब होने से बचाना.यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंस एंड पॉलिसी ने साल 2018  में दिल्ली में खराब हवा पर पटाखों के असर पर एक स्टडी की थी. इसके स्टडी के लिए साल 2013 से 2016 तक का डेटा लिया गया था. जिसमें दावा किया गया था कि हर साल दिवाली के अगले  दिन दिल्ली में PM2.5 की मात्रा 40 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. वहीं, दिवाली की शाम 6 बजे से रात 11 बजे के बीच PM2.5 में 100% की बढ़ोतरी हुई थी.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार 2020 की दिवाली के पहले और बाद के वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण में काफी फर्क था. इस रिपोर्ट में दिल्ली, भोपाल, आगरा, बेंगलुरु समेत 8 शहरों का डेटा था. जिसके अनुसार दिवाली के बाद अगले दिन 8 शहरों में PM10 की मात्रा में 22 प्रतिशत से 114 प्रतिशत की बढ़त हो गई थी. इसके मुताबिक, दिवाली के बाद दिल्ली में PM10 की मत्रा 67.1% बढ़ गई थी. जबकि, लखनऊ में ये 114% बढ़ गई थी. वहीं, दिल्ली में PM2.5 की मात्रा 82.9% और लखनऊ में 67.6% तक बढ़ गई थी.



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