11.7 C
New York
Friday, March 24, 2023

Buy now

spot_img

MP HC Reduces Life Term Of Rape Convict Considering Fact He Was Kind Enough To Leave 4 Year Old Victim Girl Alive | MP: चार साल की बच्ची से किया था रेप, कोर्ट ने सजा कम करते हुए कहा


MP HC Reduces Life Term Rape Convict: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच (Indore Bench) ने एक बच्ची से रेप (Rape) के दोषी की आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा यह विचार करते हुए घटा दी है कि उसने मासूम को जिंदा छोड़ने की पर्याप्त रहमदिली दिखाई थी. दोषी ने 15 साल पहले चार साल की एक बच्ची से रेप किया था.

कोर्ट (Court) ने दोषी की आजीवन कारावास की सजा को 20 साल के सश्रम कारावास (Rigorous Imprisonment) में बदल दिया है. अब तक दोषी 15 साल की सजा काट चुका है. इंदौर के अपर सत्र न्यायाधीश ने अप्रैल 2009 में रामसिंह उर्फ रामू को चार की बच्ची से रेप के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. दोषी ने उन्होंने 2009 में अगले महीने यानी मई में उसे सुनाई गई सजा के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.

एक रुपये का लालच देकर बच्ची से रेप

मंगलवार (18 अक्टूबर) को जस्टिस सुबोध अभ्यांकर और जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि कानून के अनुसार अपीलकर्ता को 20 साल की सजा भुगतनी चाहिए. रामसिंह दवाएं और जड़ी-बूटी बेचने का काम करता था. 31 मई 2007 को रामसिंह एक रुपये का लालच देकर बच्ची को फुसलाकर एक टेंट में ले गया और उसके साथ रेप किया. 

ताज़ा वीडियो

दोषी के वकील ने क्या कहा?

रामसिंह के वकील ने अदालत में कहा कि उसके मुवक्किल को झूठा फंसाया गया था. वकील ने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों को छोड़कर ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं मिला जिससे उसके मुवक्किल का अपराध सिद्ध हो सके. वह पहले ही 15 साल की सजा काट चुका है. वकील ने कहा रामसिंह ने अब तक जितने साल जेल में काटे हैं, उसकी सजा को उस तक घटाया जा सकता है.

सजा कम करने के फैसले में अदालत ने क्या कहा?

वहीं, सरकारी वकील ने कहा कि रामसिंह किसी तरह की नरमी का हकदार नहीं है. बेंच ने अपने फैसले में कहा, ”हैवानी करतूत को अंजाम देने वाला अपीलकर्ता एक महिला की गरिमा के प्रति कोई सम्मान नहीं रखता और चार साल की बच्ची के साथ भी यौन अपराध करने की सोच रखता है. ऐसे में अदालत मामले को वहां नहीं पाती है जहां दोषी के भुगते हुए दंड तक ही उसकी सजा को घटाया जा सकता है.” हालांकि, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि उसने पीड़िता को जिंदा छोड़ने के लिए पर्याप्त रहमदिली दिखाई, अदालत का विचार है कि आजीवन कारावास को 20 साल के कठोर कारावास तक कम किया जा सकता है.

यह भी पढ़ें

Navneet Rana: सांसद नवनीत राणा के खिलाफ गैर जमानती वारंट, हो सकती है गिरफ्तारी- जानें क्या है पूरा मामला



Source link

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,745FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles