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Saturday, March 25, 2023

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Kejriwal Govt Approve Construction Of New Academic Engineer Block At IIT Delhi Ann


IIT Delhi: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली को लैब और रिसर्च के लिए जल्द ही नई बिल्डिंग मिलेगी. नई बिल्डिंग के बन जाने से हजारों छात्र लाभान्वित होंगे. इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा हमने एक बड़े फैसले में आईआईटी दिल्ली में एक नए मिनी एकेडमिक ब्लॉक और इंजीनियर ब्लॉक के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. प्रोजेक्ट के लिए 157 पेड़ों को हटाया और प्रत्यारोपित किया जाएगा, लेकिन इसकी एवज में परिसर के अंदर 1570 नए पेड़ लगाए जाएंगे.

परिसर में बनाए जा रहे इंजीनियरिंग ब्लॉक और मिनी एकेडमिक कॉम्प्लेक्स का इस्तेमाल लैब और रिसर्च कार्य के लिए होगा. आईआईटी दिल्ली ने प्रोजेक्ट में बाधक बन रहे पेड़ों को काटने और प्रत्यारोपित करने की अनुमति मांगी थी. अब अनुमति मिलने के बाद इसके काम में तेजी आएगी.

दरअसल, दिल्ली के हौज खास स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली परिसर में इंजीनियरिंग ब्लॉक और मिनी एकेडमिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाना है. इसके निर्माण में 157 पेड़ आड़े आ रहे हैं, जबकि तीन पेड़ों की शाखाएं भी प्रोजेक्ट में आ रही हैं. इनको हटाने को लेकर आईआईटी दिल्ली ने दिल्ली सरकार से अनुमति देने को लेकर एक प्रपोजल बनाकर भेजा था. 

बिल्डिंग न होने से परेशान हो रहे छात्र
अभी आईआईटी दिल्ली को शैक्षणिक कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने में पर्याप्त बिल्डिंग की कमी की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. नई बिल्डिंग का उपयोग लैब और अनुसंधान कार्य के लिए किया जाएगा. इस समस्या का स्थाई हल निकालने के लिए संस्थान द्वारा इंजीनियरिंग ब्लॉक और मिनी एकेडमिक कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा है. आईआईटी दिल्ली ने प्रोजेक्ट में बाधक बन रहे 82 पेड़ों को प्रत्यारोपित करने और 75 पेड़ों को काटने की अनुमति देने की मांग की थी.

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आईआईटी दिल्ली के छात्रों के हितों को ध्यान में रखते इंजीनियरिंग ब्लॉक और मिनी एकेडमिक कॉम्प्लेक्स के निर्माण में आड़े आ रहे पेड़ों को काटने और प्रत्यारोपण की अनुमति दे दी है. इसकी अनुमति मिलने के बाद आईआईटी दिल्ली के हजारों छात्रों को फायदा मिलेगा. इसके बन जाने के बाद उनको रोजमर्रा की गतिविधियां करने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस प्रोजेक्ट के आसपास 259 पेड़ है, जिसमें 157 पेड़ प्रोजेक्ट के अंदर आ रहे हैं. 

तीन महीने के अंदर आईआईटी में कटेंगे कितने पेड़
सरकार ने आईआईटी दिल्ली को 157 में से 82 पेड़ों को प्रत्यारोपित करने और 73 पेड़ों को काटने की अनुमति दी है. आईआईटी दिल्ली को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि अनुमति प्राप्त होने के तुरंत बाद मानदंडों के अनुसार 10 गुना वृक्षारोपण शुरू कर दिया जाए और तीन महीने के अंदर इसको पूरा किया जाए. 

इसके बाद संबंधित वृक्ष अधिकारी को इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी. ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी 2020 की सभी शर्तों का पालन करना होगा और सभी पेड़ों की देखरेख की जिम्मेदारी भी लेनी होगी. आईआईटी दिल्ली को यह सुनिश्चित करना है कि प्रोजेक्ट में आ रहे 157 पेड़ों के अलावा अन्य पेड़ों को कोई नुकसान न पहुंचे और कोई पेड़ क्षतिग्रस्त होता है, तो यह दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत अपराध माना जाएगा.

कितने पेड़ों को करना होगा प्रत्यारोपित?
आईआईटी दिल्ली को 157 पेड़ों को हटाने की एवज में 10 गुना यानी 1570 पौधे लगाने के साथ ही 53 फीसद (82) पेड़ों को प्रत्यारोपित करना होगा. साथ ही, अगले 7 वर्षों तक इन पेड़ों के रखरखाव की जिम्मेदारी भी संभाली होगी. यह पेड़ न्यू गर्ल्स हॉस्टल, न्यू ब्वॉयज हॉस्टल, सतपुरा हॉस्टल के पीछे, कैलाश होटल, मुख्य गेस्ट हाउस, स्वीमिंग पूल के पास समेत करीब 20 चिन्हित स्थानों पर प्रत्यारोपित किए जाएंगे. 

वहीं, हटाए जा रहे 157 पेड़ों की एवज में नीम, अमलतास, पीपल, पिलखान, गूलर, बरगद, आम और शीशम प्रजातियों के 1570 पौधे लगाने होंगे. अगर किसी पेड़ पर पक्षियों का घोंसला है और वो रह रहे हैं, तो उनके जाने तक उस पेड़ को नहीं काटा जाएगा. जिन जगहों पर पेड़ों का प्रत्यारोपण किया गया है, उस जमीन का किसी दूसरे प्रयोग में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.

कितने महीने के अंदर पूरा करना होगा प्रत्यर्पण का काम?
आईआईटी दिल्ली को यह भी निर्देश दिया गया है कि जिन पेड़ों का प्रत्यारोपण किया जाना है, उनके लिए आवश्यक शर्तें पूरी करने के बाद चिन्हित पेड़ों के प्रत्यारोपण की प्रक्रिया को तत्काल शुरू करने के साथ ही छह महीने के अंदर यह कार्य पूरा करना होगा. 

इस संबंध में आईआईटी दिल्ली को वृक्ष अधिकारी को एक रिपोर्ट सौंपनी होगी. दिल्ली सरकार ने आईआईटी दिल्ली को प्रोजेक्ट के लिए वृक्षारोपण नीति 2020 का पालन करने और उस पर नियमित प्रगति रिपोर्ट जमा करने को कहा है. 

आईआईटी दिल्ली को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यदि कोई प्रत्यारोपित पेड़ जीवित नहीं रहता है, तो उसके बदले में 15 फीट लंबा और 6 इंच मोटा देशी प्रजाति के 5 पेड़ लगाने होंगे और इसका खर्च भी उसको वहन करना होगा. इसके अलावा, पेड़ों की कटाई के 90 दिनों के भीतर उसकी टहनी को पास के श्मशान में निःशुल्क पहुंचाना होगा.

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