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Thursday, March 23, 2023

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Indian Army Said Technical Mechanical Failure Led Arunachal Pradesh Helicopter Crash Five Indian Army Personnel Died ANN


Arunachal Pradesh Helicopter Crash: अरुणाचल प्रदेश में सेना के हेलीकॉप्टर क्रैश के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. सेना के मुताबिक दुर्घटना से ऐन पहले पायलट ने हेलीकॉप्टर में खराबी की सूचना एयर ट्रैफिक कंट्रोल(ATC) को दी थी जिसे ‘मे-डे कॉल’ कहा जाता है. क्रैश में सेना के दो पायलट समेत हेलीकॉप्टर में मौजूद सभी पांचों सैनिकों की मौत हो गई थी.

भारतीय सेना के मुताबिक एविएशन कोर के एएलएच-डब्लूएसआई ‘रुद्र’ हेलीकॉप्टर में टेक्निकल या फिर मैकेनिकल खराबी की जानकारी पायलट ने एटीसी को दी थी. सेना ने बताया कि दुर्घटना की जांच के लिए गठित कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का मुख्य केंद्र अब इसी तकनीकी खराबी पर होगा. असम के तेजपुर में तैनात रक्षा मंत्रालय के क्षेत्रीय प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल अमरिंद्र वालिया के मुताबिक 24 घंटे के सर्च ऑपरेशन के बाद सभी पांचों सैनिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं. मरने वालों की पहचान पायलट (मेजर) विकास भांभू, को-पायलट (मेजर) मुस्तफा बोहरा, सीएफएन टेक एविएशन (AEN) अश्विन के एन, हवलदार (ओपरेटर) बीरेश‌ सिन्हा और नायक (ओपरेटर) रोहिताश्व कुमार के रूप में हुई है. सभी के परिवारवालों को दु:खद खबर के बारे में जानकारी दे दी गई है.

शुरुआती जांच में यह आया सामने
सेना ने मरने वाले सैनिकों के परिवार के प्रति संवेदनाएं प्रकट करते हुए कहा कि हम मजबूती से उनके साथ खड़े हैं. प्रारंभिक जांच के आधार पर सेना ने बताया कि शुक्रवार को दुर्घटना के वक्त मौसम बिल्कुल साफ था। इसके अलावा पायलट को 600 घंटे रुद्र हेलीकॉप्टर को उड़ाने का अनुभव था। पायलट की कुल 1800 घंटों की सर्विस हो चुकी थी। जानकारी के मुताबिक, दुर्घटनाग्रस्त वर्ष 2015 में सेना की एविएशन कोर में शामिल हुआ था.

शुक्रवार(21 अक्टूबर) को आर्मी एविएशन कोर का एएलएच-डब्लूएसआई हेलीकॉप्टर सुबह 10.43 पर अरूणाचल प्रदेश के मिगिंग में क्रैश हो गया. मिगिंग अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले का बेहद ही दूर-दराज का इलाका है, जो कि तूतिंग के दक्षिण में है. इस हेलीकॉप्टर ने असम के लेकाबली मिलिट्री स्टेशन से एक रूटीन-सोर्टी के लिए उड़ान भरी थी.

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पहले भी हुआ है क्रैश
आपको बता दें कि स्वदेशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर यानी एएलएच हेलीकॉप्टर में वैपन लगाने के बाद उसे एएलएच-डब्लूएसआई यानी वैपन सिस्टम इंटीग्रेटेड नाम दिया गया है. सेना ने इसे ‘रुद्र’ नाम भी दिया है और ये एक कॉम्बेट यानी अटैक रोल हेलीकॉप्टर है जिसमें कि दो पायलट सवार होते हैं.  क्रैश के बाद एक स्थानीय वीडियो सामने आया था जिसमें दूर एक पहाड़ पर बेहद ही घने जंगल में धुंआ उठता दिखाई पड़ रहा है. पिछले साल पठानकोट के करीप रणजीत सिंह डैम में एक अन्य रुद्र हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था जिसमें दो पायलट सवार थे. इसी महीने की 8 तारीख को भी अरुणाचल प्रदेश के तवांग में सेना का एक चीता हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. इस दुर्घटना में एक पायलट की मौत हो गई थी.

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