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Tuesday, May 30, 2023

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Congress New President Mallikarjun Kharge Know About Him Profile Of Mallikarjun


Congress President Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के नतीजे अब सभी के सामने हैं. गांधी परिवार के वफादार कहे जाने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के कप्तान बने हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे को जहां 7897 वोट मिले तो वहीं उनके विरोधी शशि थरूर को मात्र 1000 वोट मिले और उनकी जमानत भी जब्त हो गई. मल्लिकार्जुन खड़गे को शशि थरूर से 8 गुना ज्यादा वोट मिले. मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के दलित अध्यक्ष बनने वाले दूसरे नेता बन गए हैं. इससे पहले साल 1971 में जगजीवन राम कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे.

मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म कर्नाटक के बीदर जिले में हुआ था. उन्होंने गुरलबर्गा में नूतन विद्यालय से स्कूल की शिक्षा पूरी की. उसके बाद गुलबर्गा के सेठ शंकरलाल लाहोटी के सरकारी लॉ कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की. कर्नाटक के लोग मल्लिकार्जुन को सोलिल्लादा सरदारा के नाम से भी बुलाते हैं. उनके इस नाम का मतलब बिना हार वाला नेता होता है. मल्लिकार्जुन खड़गे की पत्नी का नाम राधाबाई खड़गे है जो एक ग्रहणी हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे के तीन बेटे और दो बेटियां हैं.

अच्छी हिंदी बोलते हैं मल्लिकार्जुन खड़गे

खड़गे का नाता भले ही दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक से है, मगर वह अच्छी हिंदी बोल लेते हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे लगातार नौ बार विधायक रह चुके हैं. इतना ही नहीं, जब साल 2014 के चुनाव में मोदी लहर में दिग्गज हार रहे थे, तब भी खड़गे ने जीत का परचम लहराया था. प्रेस कॉन्फ्रेंस से लेकर संसद तक में भी खड़गे अपनी बात ज्यादातर हिंदी में रखते हैं.

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लगातार नौ बार विधायक रहे हैं खड़गे

खड़गे ने पहली बार साल 1972 में कर्नाटक राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा और गुरमीतकल निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की. साल 1976 में उन्हें प्राथमिक शिक्षा राज्य मंत्री नियुक्त किया गया था. साल 1978 में वह दूसरी बार गुरमीतकल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए और ग्रामीण विकास और पंचायत राज राज्य मंत्री नियुक्त किए गए. साल 1980 में वह गुंडू राव कैबिनेट में राजस्व मंत्री बने. साल 1983 में वह तीसरी बार गुरमीतकल से कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए. साल 1985 में वह चौथी बार गुरमीतकल से कर्नाटक विधानसभा जीते और उन्हें कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष का उप नेता नियुक्त किया गया. साल 1989 में वह गुरमीतकल से पांचवीं बार भी जीतने में कामयाब रहे.

इसी तरह जीतते-जीतते साल 2004 में खड़गे लगातार आठवीं बार विधानसभा चुनाव जीते थे. साल 2005 में उन्हें कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. साल 2008 में वह लगातार नौवीं बार चीतापुर से विधानसभा के लिए चुने गए. खड़गे को साल 2008 में दूसरी बार विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया था. साल 2009 में खड़गे ने गुलबर्गा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा और अपना लगातार दसवां चुनाव जीता.

मल्लिकार्जुन ने झेली त्रादसी

मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म 1942 में हुआ था. कहा जाता है कि खड़गे ने अपनी मां और बहन को अपनी आंखों के सामने मरते हुए देखा था. कर्नाटक के जिस वर्वट्टी गांव में खड़गे का जन्म हुआ था वो हैदराबाद के निजाम के अधीन आता था. साल 1945 की बात है जब हैदराबाद निजाम के कुछ सैनिक खड़गे के गांव वर्वट्टी पहुंचे. उस समय वो अपने घर के बाहर खेल रहे थे. घर में मां-बहन थीं और पिता काम पर गए थे.  निजाम के सैनिकों ने मां और बहन दोनों पर बहुत जुल्म किए.

खड़गे की उम्र उस समय तकरीबन 3 साल की थी, जब वो सिर्फ खड़े-खड़े देखते रहे.. मां की मौत के बाद खड़गे, पिता के साथ गुलबर्ग शहर चले गए. पिता एक मिल में काम करते थे. गुलबर्ग में ही खड़गे की शुरुआती पढ़ाई हुई और उसके बाद वहीं के सरकारी कॉलेज में दाखिला ले लिया. कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ राजनीति की शुरुआती शिक्षा भी उन्हें यहीं से मिली. खड़गे ने अपना पहला चुनाव कॉलेज में ही लड़ा था. तब उन्हें छात्रसंघ का महासचिव चुना गया था. कॉलेज की राजनीति के दौरान खड़गे मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई में हिस्सा लेने लगे थे. 

ये भी पढ़ें: Congress President Election Result: मल्लिकार्जुन खड़गे बने कांग्रेस के नए अध्यक्ष, शशि थरूर की बड़ी हार



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