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Friday, May 26, 2023

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China Uses Veto In UN Against India-US Move To Sanction Jamaat-ud-Dawa Chief Hafiz Saeed Son


China Uses Veto In UN: चीन ने बुधवार को लश्कर-ए-तैयबा के बड़े आतंकवादी हाफ़िज़ तल्हा सईद (Hafiz Talha Saeed) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 कमेटी की आतंकी सूची में शामिल करने के भारत-अमेरिका के साझा प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया. तल्हा सईद लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रमुख और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफ़िज़ सईद (Hafiz Saeed) का बेटा है. यह दो दिन के भीतर लगातार दूसरा मौका है, जब चीन ने पाकिस्तानी आतंकवादी को वैश्विक आतंकवादी की सूची में जाने से से बचाने के लिए वीटो का इस्तेमाल किया है. इससे पहले मंगलवार को चीन ने संयुक्त राष्ट्र में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल कराने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया था. चीन की ओर से पिछले चार महीनों में ये चौथा और पांचवा मौका है, जब उसने भारत-अमेरिका के साझा प्रस्तावों पर वीटो लगाकर पाकिस्तानी आतंकवादियों को UNSC 1267 की काली सूची में डालने से रोकने का प्रयास किया है.  

भारत दुनिया को आतंकवाद के खतरे से लगातार आगाह करते रहा है और इस खतरे से निपटने के लिए दुनिया के देशों से एकजुट होने की अपील करते रहा है, लेकिन चीन… भारत की इस कोशिश में हमेशा ही रोड़ा अटकाता रहा है. संयुक्त राष्ट्र में चीन की हरकत कुछ ऐसा ही बयां करती है. पिछले चार महीनों में चीन ने पांच पाकिस्तानी आतंकवादियों को बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में वीटो पावर का इस्तेमाल किया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक चीन के पास वीटो पावर है और वो इसे ही इस्तेमाल कर संयुक्त राष्ट्र में हर बार पाकिस्तानी आतंकियों का सेफगार्ड बन जाता है.

दो दिन में दूसरी बार चीन का अड़ंगा
ताज़ा मामला पाकिस्तानी आतंकवादी ‘हाफ़िज़ तल्हा सईद’को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने से जुड़ा है. भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में ‘हाफ़िज़ तल्हा सईद’ को वैश्विक आतंकी की सूची में डालने के लिए प्रस्ताव रखा था. ‘हाफ़िज़ तल्हा सईद’ पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रमुख और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफ़िज़ सईद का बेटा है. इस बार भी चीन, पाकिस्तानी आतंकवादी के सामने दीवार बनकर खड़ा हो गया. चीन ने एक बार फिर अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर आतंकी ‘हाफ़िज़ तल्हा सईद’ को ब्लैकलिस्ट होने से बचा लिया. दो दिन में ये दूसरा मौका है, जब चीन किसी पाकिस्तानी आतंकवादी को काली सूची में डालने के भारत को प्रयास में बाधा बना. इससे पहले मंगलवार को चीन ने संयुक्त राष्ट्र में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी शाहिद महमूद को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल कराने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया था.

क्या है 1267 कमेटी (UNSC 1267 कमेटी)
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘1267 कमेटी’ के तहत प्रस्ताव लाकर भारत इन आतंकवादियों को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराना चाहता है. दरअसल दुनियाभर में आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अक्टूबर 1999 में 1267 कमेटी की स्थापना की थी. इसमें 2011 और 2015 में बदलाव भी किए गए. अब इसे इस्लामिक स्टेट समूह और अल कायदा प्रतिबंध समिति के रूप में जाना जाता है. 

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हम कह सकते हैं कि 1267 कमेटी के तहत बनी सूची आतंकवादियों की एक वैश्विक सूची है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् से प्रमाणित होता है. यह आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण और सक्रिय संयुक्त राष्ट्र सहायक निकायों में से एक है. यह आतंकवादियों की आवाजाही विशेष रूप से यात्रा प्रतिबंधों से संबंधित होने के साथ ही संपत्ति की जब्ती और आतंकवाद के लिए हथियारों पर प्रतिबंध की व्यवस्था है. 

संयुक्त राष्ट्र का कोई भी देश 1267 कमेटी के जरिए किसी आतंकी को वैश्विक आतंकी की काली सूची में शामिल करने के लिए प्रयास कर सकता है. इस सूची में किसी आतंकी का नाम शामिल होने का मतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के सभी देश उस आतंकी या उसके संगठन के खिलाफ़ सख्त रवैया अपनाएंगे.

वीटो का बेजा इस्तेमाल
हाल के महीनों में चीन ने कई पाकिस्तानी आतंकवादियों को वैश्विक आतंकवादी घोषित होने से बचाया है. इसके लिए वह वीटो पावर का इस्तेमाल करता है. पिछले छह महीनों में पाकिस्तान के पांच आतंकी चीन की वजह से काली सूची में जाने से बच गए हैं. भारत और अमेरिका जिन पांच आंतकवादियों को संयुक्त राष्ट्र की काली सूची में डालना चाहते हैं, उसमें हाफ़िज़ तल्हा सईद, शाहिद महमूद, अब्दुल रहमान मक्की, अब्दुल राउफ़ अज़हर और साजिद मीर शामिल है.

हाफ़िज़ तल्हा सईद
46 वर्ष का हाफ़िज़ तल्हा सईद लश्करे तैयबा का प्रमुख और मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफ़िज़ सईद का बेटा है. भारत सरकार ने इस साल अप्रैल में तल्हा सईद को आंतकवादी घोषित किया था. भारत के गृह मंत्रालय के मुताबिक हाफ़िज़ तल्हा सईद भारत और अफ़ग़ानिस्तान में हमलों के लिए सक्रिय तौर पर आतंकवादियों के चुनाव का काम करता रहा है. वह आतंकी फंडिंग और हमलों को अंजाम देने की तैयारियों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता रहा है. हाफ़िज़ तल्हा सईद लश्कर का सीनियर नेता है और इसके धार्मिक विंग का प्रमुख भी है. वह आतंकी शिविरों में जाकर भारत और अमेरिका के ख़िलाफ़ जिहाद छेड़ने को लेकर लोगों को ट्रेनिंग भी देता है.

शाहिद महमूद 
शाहिद महमूद लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी है. उसने लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के प्रमुख  हाफिज सईद के साथ मिलकर भारत में आतंकियों के ठिकाने बनाने की साजिश रची. धार्मिक कामकाज और दान के नाम पर भारत में पैसा भेजने का काम किया. अमेरिका के वित्त विभाग ने दिसंबर 2016 में ही महमूद को आतंकवादी घोषित कर दिया था. अमेरिका के वित्त विभाग की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार कराची में रहने वाला महमूद लंबे समय से लश्कर का वरिष्ठ नेता है. वो साल 2007 से इस आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है. महमूद जून 2015 से जून 2016 तक लश्करे तैयबा के लिए फंड जमा करने वाली संस्था फ़लाह-ए-इंसानियात फ़ाउडेंशन का वाइस चैयरमेन रहा है. अमेरिका के मुताबिक़ अगस्त 2013 में महमूद की पहचान लश्कर के पब्लिकेशन विंग के सदस्य के तौर पर हुई थी. इससे पहले वो लश्कर के विदेशी ऑपरेशन के प्रमुख साजिद मीर की टीम से जुड़ा था. अगस्त 2013 में उसे बांग्लादेश और बर्मा की इस्लामी संस्थाओं में लिंक स्थापित करने का ज़िम्मा दिया गया था. अमेरिका के मुताबिक़ महमूद ने दावा किया था कि लश्करे तैयबा का प्रमुख उद्देश्य भारत और अमेरिका पर हमले करना है.

साजिद मीर
साजिद मीर भी लश्कर-ए-तैयबा का बड़ा आतंकवादी है. इस साल सितंबर में साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर वीटो लगाकर चीन ने उसे काली सूची में शामिल होने से बचा लिया था. साजिद मीर मुबंई पर हुए 26/11 हमलों के पीछे भी शामिल रहा है. उसने इन हमलों की योजना और तैयारी  में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अमेरिका ने उसे पकड़ने के लिए 50 लाख अमेरिका डॉलर का इनाम रखा हुआ है. इस साल जून में पाकिस्तान की एक अदालत ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए राशि जमा करने के केस में साजिद मीर को 15 साल की सज़ा सुनाई थी.

अब्दुल राउफ़ अज़हर
इस साल अगस्त में जिस पाकिस्तानी आतंकवादी को चीन ने अपने वीटो से बचाया था, उसका नाम है अब्दुल राउफ़ अज़हर. वह आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का वरिष्ठ नेता है. अमेरिका ने तो 2010 में ही उसे आतंकवादी घोषित कर दिया था. 2007 में अज़हर भारत में जैश का सबसे वरिष्ठ आतंकवादियों में से एक था. वह भारत के लिए जैश का कार्यकारी प्रमुख भी रह चुका है. अमेरिका के मुताबिक़ 2008 में अज़हर को भारत में फ़िदायीन हमले अंजाम देने का जिम्मा दिया गया था. दिसंबर 1999 में काठमांडू से दिल्ली आ रही इंडियन एयरलाइन्स के विमान को हाईजैक करने में भी आतंकी अज़हर शामिल था. 2016 में पठानकोट में एयर फ़ोर्स बेस पर आतंकी हमले के बाद भारत ने इंटरपोल से राउफ़ के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील की थी.

अब्दुल रहमान मक्की 
अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफ़िज़ सईद का साला है. इस साल जून में चीन ने उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर वीटो लगाकर बचा लिया था. वह अमेरिका में पहले से ही घोषित आतंकवादी है. अब्दुल रहमान मक्की जमात उद दावा में दूसरे नंबर का आतंकी है. बीमारी की वज़ह से हाफ़िज़ सईद के कामकाज नहीं करने की वजह से मक्की ही इस आतंकी संगठन के प्रमुख की जिम्मेदारियां निभा रहा है. अमेरिका के मुताबिक मक्की लश्करे तैयबा के ट्रेनिंग सेंटर के लिए धनराशि जुटाने का काम करता है. अमेरिका ने उस पर 20 लाख डॉलर का इनाम रखा हुआ है. भारत का भी कहना है कि मक्की आतंकी संगठनों के लिए पैसा जमा करने के साथ ही पाकिस्तानी नौजवानों को भारत पर हमले के लिए तैयार करने का काम करता है.

ये भी पढ़ें- भारत-अमेरिका के सामने 2 दिन में दूसरी बार UN में चीन बना रोड़ा, हाफिज सईद के बेटे को ब्लैकलिस्ट होने से रोका



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