Bihar Kashmir Qustion: बिहार की शिक्षा प्रणाली (Education System) एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है. इस बार इसका कारण है 7वीं कक्षा का प्रश्न पत्र. इसमें एक ऐसा ही सवाल किया गया था, जिसके बाद प्रश्न पत्र को लेकर कई तरह के सवाल उठने शुरू हो गए हैं. विपक्ष भी अब राज्य सरकार को घेरने के लिए पूरी तरह से तैयार नजर आ रहा है. बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) ने भी इसे लेकर निशाना साधा है.
दरअसल, परीक्षा के प्रश्न पत्र में चीन, भारत, नेपाल और इंग्लैंड के साथ कश्मीर को भी अगल देश माना गया. इसमें दिखाया गया है कि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं है. 2017 में भी बिहार में ऐसा ही मामला सामने आया था. शिक्षाविद पंकज झा ने बताया कि प्रश्न पत्र स्कूल स्तर पर नहीं है, यह शायद राज्य स्तर पर ही है. यह सर्व शिक्षा अभियान द्वारा दिया जाता है और यह राज्य स्तर पर होता है. उन्होंने कहा गलती हुई है, लेकिन सभी शिक्षकों ने हमेशा बच्चों को यही पढ़ाया है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है.
“बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के द्वारा सीमांचल के जिलों में यह पूछा जाना कि चीन के नागरिक को, इंग्लैंड के, नेपाल के, भारत के और इसी के साथ कश्मीर के नागरिक को क्या कहते हैं?
यह बताता है कि सरकार में बैठे हुए पीएफआई के समर्थकों और राजद के पीएफआई समर्थक का नापाक गठजोड़ है।” pic.twitter.com/zsMQTWMo1W
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— Dr. Sanjay Jaiswal (@sanjayjaiswalMP) October 18, 2022
मामले में NIA जांच की मांग
वहीं, बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि ऐसे प्रश्न प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के समर्थन को दिखाते हैं. उन्होंने इस मामले में एनआईए जांच की भी मांग की. संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की तरफ से सीमांचल के जिलों में यह पूछा जाना कि चीन के नागरिक को, इंग्लैंड के, नेपाल के, भारत के और इसी के साथ कश्मीर के नागरिक को क्या कहते हैं? यह बताता है कि सरकार में बैठे हुए पीएफआई के समर्थकों और राजद के पीएफआई समर्थक का नापाक गठजोड़ है.
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