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Tuesday, May 30, 2023

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जुलाई में भारतीयों ने की क्रेडिट कार्ड से 1.15 लाख करोड़ रुपये खरीददारी, अर्थव्यवस्था किस ओर कर रही है इशारा?



<p style="text-align: justify;">कोरोना महामारी के कारण देश में छाई आर्थिक मंदी के बीच भारतीय ज्यादा से ज्यादा उधार के पैसे खर्च कर रहे हैं. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार साल 2022 के अप्रैल से अगस्त महीने के बीच लोगों ने क्रेडिट कार्ड से पिछले साल की तुलना में 70.36 प्रतिशत ज्यादा खर्च किए हैं. आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से लेकर अगस्त तक क्रेडिट कार्ड से किया जाने वाला खर्च 556,119 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी महीने तक क्रेडिट कार्ड का खर्च &nbsp;326,427 करोड़ रुपये था.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">कार्ड इस्तेमाल करने वाले लोगों ने सिर्फ अगस्त महीने में 112,358 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जबकि पिछले साल अगस्त में यह खर्च 77,733 करोड़ रुपये था. हालांकि मौजूदा त्योहारी सीजन में इसमें और तेजी आने की संभावना है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">7.8 करोड़ के कार्ड बेस वाले ग्राहक अब अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर हर महीने एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर रहे हैं. इसी आंकड़ों के अनुसार जुलाई तक लगातार 5वें महीने क्रेडिट कार्ड से हर महीने एक लाख करोड़ से ज्यादा की खरीदारी की गई.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>जुलाई में रिकॉर्ड तोड़ खर्च</strong></p>
<p style="text-align: justify;">आरबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार जुलाई महीने में सबसे ज्यादा क्रेडिट कार्ड से रुपये खर्च किए गए हैं. इस रिपोर्ट में जुलाई महीने में क्रेडिट कार्ड से हुई शॉपिंग के आंकड़े सामने रखे गए हैं, जो चौंकाने वाले हैं. इस खर्च को देखकर ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि क्रेडिट कार्ड के शॉपिंग के मामले में भारत अन्य देशों को भी पीछे छोड़ते जा रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार जुलाई 2022 में लोगों ने क्रेडिट कार्ड से 1.15 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी की. यह अब तक किसी 1 महीने में क्रेडिट कार्ड से हुई सबसे बड़ी खरीदारी है. आरबीआई के डाटा के अनुसार क्रेडिट कार्ड यूजर्स ने वित्त वर्ष 2021-22 में 971,638 करोड़ रुपये खर्च किए, जो पिछले साल 630,414 करोड़ रुपये थे.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्रेडिट कार्ड के बकाया बिल में हो रहा इजाफा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">दरअसल भारत में पिछले कुछ सालों में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बढ़ गया है. यही कारण है कि क्रेडिट कार्ड से खरीदारी बढ़ने के साथ ही बकाया बिल भी बढ़ने लगा है. आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते साल दिसंबर की तुलना में इस साल ड्यूज काफी बढ़े हैं. दिसंबर में प्रति क्रेडिट कार्ड औसत ड्यू 18 हजार रुपए था जो इस साल 22 जून को यह 19400 रुपए पहुंच गया है. मई 2022 तक कुल जारी किए गए रुपये में 23.2% क्रेडिट कार्ड पर ड्यू हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">ट्रांसयूनियन के अनुसार, नए क्रेडिट प्रोडक्ट खोलने वाले युवा भारतीय उपभोक्ताओं की संख्या पिछले दो सालों में लगातार बढ़ी है. रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले 18 से 30 साल की उम्र के युवा की संख्या 32 प्रतिशत है. यह 2020 की तुलना में &nbsp;22 प्रतिशत बढ़ी है. वहीं कोरोना के बाद क्रेडिट कार्ड से सबसे ज्यादा खर्च यात्राओं पर किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, डेबिट कार्ड से हर 10 हजार की खरीदारी पर क्रेडिट कार्ड से 18 हजार रुपए की खरीदारी हो रही है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>तेजी से बढ़ रहा है ई-कॉमर्स</strong></p>
<p>बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक क्रेडिट कार्ड का बढ़ता इस्तेमाल देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है और आने वाले समय में कार्ड कारोबार का दायरा और विस्तृत हो जाएगा. प्लास्टिक मनी में आई उछाल के तीन प्रमुख कारण हो सकते हैं. पहला यह कि ऑनलाइन पेमंट करना आरामदायक होता है. यूपीआई का नि:शुल्क होना उपभोक्ताओं को डिजिटल बैंक इस्तेमाल करना सिखा दिया है. इसके अलावा क्रेडिट ब्यूरो डेटा बनाने में भी मदद मिली है.</p>
<p>वहीं कार्ड जारी करने वाले ने जो भी खर्च किया है, उसका ब्योरा उसके पास रहता है. इसके अलावा एक पहलू यह भी है कि महामारी के दौरान दुकान या स्टोर पर जाकर खर्च करना और छुट्टियां मनाने पर पैसा खर्च करना बिल्कुल खत्म हो गया था और ई-कॉमर्स बहुत तेजी से बढ़ा था.</p>
<p>उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के तहत द इंडियन ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन के मुताबिक 2030 तक ई-कॉमर्स का मार्केट 350 अरब डॉलर का होगा. यह स्तर साल 2022 के मुकाबले दो गुना ज्यादा है. &nbsp;उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के तहत वित्तीय वर्ष 2026 में ई-रिटेल मार्केट 120-140 अरब डॉलर का होगा. यह साल 2020 में 25.7 अरब डॉलर था.</p>
<p>वहीं भारतीय रिटेल मार्केट की तुलना की जाए तो यह अभी 810 अरब डॉलर की है. यह 2026 में बढ़कर 14 लाख करोड़ डॉलर और 2030 में 1.8 लाख करोड़ डॉलर होने का अनुमान है. लिहाजा इन स्टोर और ऑनलाइन भुगतान में तेजी से इजाफा होना तय है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
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