देवरिया टाइम्स
असम में इलाज के दौरान एसएसबी जवान के निधन के चार दिन बाद तिरंगे मे लिपटा शव पैतृक गांव पहुंचा तो घर से लेकर पूरे इलाके में कोहराम मच गया। परिजनों की चीख-पूकार सुनकर वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो गईं।

एसएसबी जवान के अंतिम दर्शन के लिए गांव के आस-पास के इलाके के सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ गई।
देवरिया जिले के सदर कोतवाली के करौदी चौकी क्षेत्र के बरईठा निवासी कुबेरनाथ ठाकुर (50) पुत्र स्व. शिवशरण ठाकुर प्रथम वाहिनी सशस्त्र सीमा बल में आरक्षी के पद पर सोनापुर गुवाहाटी (असम) में तैनात थे।

उनका स्वास्थ्य खराब होने पर जीएनआरसी अस्पताल गुवाहाटी मे भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान 24 दिसंबर को जवान कुबेरनाथ का निधन हो गया।रविवार को असिस्टेंट कमांडेंट राजकुमार सिंह सैनिकों के साथ पार्थिव शरीर को लेकर गांव पंहुचे। तिरंगे मे लिपटे जवान का अंतिम दर्शन करने के लिए दर्जनों गांव के लोग सहित सभी राजनीतिक दलों के नेता पहुंच गए। जवान का शव आते ही पत्नी उमरावती, इकलौता पुत्र दूर्गेश, पुत्री सुमन, सुनिता, पूजा, अनिता लिपटकर रोने लगीं। पत्नी ने बिलखते हुए कहा मेरी तो दुनिया ही उजड़ गई। उमरावती को ढाढस बंधाने पहुंची महिलाएं भी अपने आंसू रोक न सकीं। बच्चों का विलाप देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। छोटी गंडक नदी के सिसवा घाट पर सैनिक सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार कराया गया।

जवान के इकलौते पुत्र दूर्गेश कुमार ने अपने पिता को मुखाग्नि दिया। इस दौरान विधायक कमलेश शुक्ल के प्रतिनिधि संजीव शुक्ल, रिंकू पांडेय, रामनिवास, पांडेय, सपा नेता उमेश नारायण शाही, उदयभान यादव, लालजी यादव, राजेश यादव, सुरेंद्र चौरसिया, सत्यप्रकाश पांडेय, रामनिवास पांडेय, पवन गुप्ता, आदि मौजूद रहे।

अधूरा रह गया धूमधाम से बेटी की शादी करने का सपना
एसएसबी जवान कूबेरनाथ ठाकुर की चार बेटियां और एक पुत्र है, पुत्र सबसे छोटा है। तीन बेटियों की शादी कर दिए थे। पूजा की शादी के लिए रिश्ता देख रहे थे। इस बार छुट्टी पर आने के बाद शादी का दिन तय करना था लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। बेटी की धूमधाम से शादी करने का उनका सपना अधूरा रह गया। बेटी पूजा ने बिलखते हुए कहा कि हमको पापा सबसे अधिक मानते थे। अब हम किसके सहारे रहेंगे। मां उमरावती और इकलौता पुत्र का रो- रो कर बुरा हाल हो गया है।