देवरिया टाइम्स
सरकार की ओर से चलाई जा रही एम्बुलेंस सेवाएं रोजाना मरीजों की जान बचाने में अहम योगदान दे रही हैं। ऐसे ही एक मामले में शनिवार को मरीज की हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया था। लेकिन रास्ते में ही हालत खराब होने पर एम्बुलेंस कर्मचारियों ने सूझबूझ से सुरक्षित प्रसव कराया और जच्चा बच्चा की जान बचा ली।

सलेमपुर ब्लाक के मझौलीराज गांव निवासी गणेश ने बताया कि उनकी बेटी माधुरी को शनिवार को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर उसे 102 एम्बुलेंस से देवरिया जिला अस्पताल लाया गया था। लेकिन यहां पर डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि माधुरी को कुछ हार्ट प्राब्लम है और बच्चा फंसा है। डॉक्टरों ने कहा कि ऐसे मरीज के लिए यहां देवरिया जिला अस्पताल में इलाज की व्यवस्था नहीं है और उन्होंने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। दोपहर में ही हमने डॉक्टर के कहने पर 108 नम्बर पर ए0एल0एस0 एम्बुलेंस को कॉल किया। कुछ ही देर में एम्बुलेंस आ गई। ए0एल0एस0 एम्बुलेंस के ईएमटी नरेन्द्र गुप्ता और पायलट नरसिंह माधुरी और परिजनों को लेकर गोरखपुर के लिए रवाना हो गए।

ईएमटी नरेन्द्र गुप्ता ने बताया कि रास्ते में हालत बिगड़ गई। ऑक्सीजन लेवल 86 था और मरीज की हालत बिगड़ रही थी। हमने कॉल सेंटर में मौजूद डॉक्टर से बात की और उन्हें इमरजेंसी के बारे में जानकारी दी। डॉक्टर के निर्देश पर एम्बुलेंस में ही माधुरी का प्रसव कराया गया। माधुरी ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया है। इसके बाद वापस लाकर जच्चा बच्चा को देवरिया जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर डॉक्टरों ने पुन: इलाज शुरू किया। गणेश और उनका परिवार ने सरकारी एम्बुलेंस सेवा की सराहना की और कर्मचारियों की सूझबूझ की भी सराहना की।
एम्बुलेंस सेवाओं के ऑपरेशन हेड शैलेंद्र सिंह ने बताया कि एम्बुलेंस सेवाओं की शुरूआत से अब तक 145 महिलाओं का एम्बुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराया जा चुका है। जबकि 650 से अधिक महिलाओं की मौके पर ही प्रसव कराने में ही मदद की गई है। गर्भवती महिला व दो साल तक के लिए 102 नंबर पर कॉल करके नि:शुल्क एम्बुलेंस सेवा प्राप्त की जा सकती है। जबकि अन्य सभी प्रकार की इमरजेंसी के लिए 108 और अति गंभी रोगियों को एक अस्पताल से बड़े अस्पताल ले जाने के लिए ए0एल0एस एम्बुलेंस सेवा मौजूद है।